42,000 करोड़ रुपये..,’ सुप्रीम कोर्ट में DA मामले की सुनवाई से पहले सामने आया बड़ा अपडेट

साल खत्म होने को है, लेकिन DA की मांग पूरी नहीं हुई। पिछली बार ऐलन पार्क में क्रिसमस समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में वृद्धि का ऐलान किया था।
इस बार भी सभी उसी उम्मीद में थे, लेकिन कुछ खास नहीं हुआ।
सिर्फ निराशा हाथ लगी। इसी बीच, राज्य सरकारी कर्मचारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ स्टेट गवर्नमेंट एम्प्लॉयीज के महासचिव मलय मुखोपाध्याय ने अपना बयान दिया।
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने तीन साल में लक्ष्मी भंडार में लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। सुप्रीम कोर्ट में DA मामले के संदर्भ में सरकार ने बताया था कि बकाया DA देने के लिए लगभग 42,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जबकि यह बकाया DA कर्मचारियों का हक है।”
उन्होंने और भी तीखा बयान देते हुए कहा, “राज्य सरकारी कर्मचारियों के हक के DA को न देकर यह सरकार DA के पैसे को लक्ष्मी भंडार समेत खेल और मेलों में खर्च कर रही है। 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में DA मामले की सुनवाई है। अगर उस दिन सुप्रीम कोर्ट इस मामले को खारिज करता है, तो हम DA की राशि प्राप्त करके ही रहेंगे।”
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा, “2025 के 1 जनवरी से DA मिलने की कोई संभावना नहीं है।” उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान में जो DA का मामला चल रहा है, वह पांचवें वेतन आयोग के तहत बकाया महंगाई भत्ते से संबंधित है। फिलहाल, छठे वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों को 14% महंगाई भत्ता मिल रहा है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि इस साल की शुरुआत में राज्य सरकारी कर्मचारियों का DA बढ़ाया गया था। इस साल दो बार DA बढ़ाया गया। पहले सरकारी कर्मचारियों को 6% DA मिल रहा था। दिसंबर की घोषणा के अनुसार, 1 जनवरी से राज्य कर्मचारियों का DA 4% बढ़ाया गया था। फिर अप्रैल में और 4% DA बढ़ा दिया गया था।