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बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में बसाने वाला मास्टरमाइंड फरार, चार आरोपी पकड़ाए

दिल्ली पुलिस ने अवैध तरीके से बॉर्डर क्रॉस करके भारत में आए दो बांगलादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। बिलाल हुसैन नाम का व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ बांग्लादेश से भारत आया था और यहीं बस गया।

इनके साथ दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो भारत के रहने वाले हैं। इनके नाम है अनिमुर इस्लाम और आशीष मेहरा। अनिमुर इस्लाम और आशीष मेहरा बांग्लादेशियों के फर्जी डॉक्युमेंट्स और आधार कार्ड बनवाकर उनकी भारत में रहने में मदद करते थे।

इनके अलावा दो बांगलादेशी नेशनल अनीश शेख और उसकी पत्नी की पहचान की गई है, जो सालो पहले बांग्लादेश से बॉर्डर क्रॉस करके जंगल के रास्ते भारत आए थे और दिल्ली में रहने लगे। दिल्ली में ठिकाना मिलने के बाद ये लोग दूसरे बांग्लादेशियों को भारत लाने लगे। फिलहाल अनीश शेख और उसकी पत्नी वापस बांग्लादेश भाग चुके हैं।

छह आधार कार्ड बरामद

इस मामले में पुलिस ने 28 दिसंबर को 14 फॉरेनर्स एक्ट 318(2), 319(2), 337, 61 (1a) BNS और 34 आधार एक्ट में फतेहपुर बेरी थाने में केस दर्ज किया। इनके पास से एक टाटा विंगर गाड़ी बरामद की है, जिसमें बांगलादेशी नागरिकों को ट्रांसपोर्ट किया जाता था। साथ ही 6 आधार कार्ड जो बंगलादेशियो के लिए बनवाए गए थे, वो बरामद किए हैं। 2 बांगलादेशी नागरिकों का बांग्लादेश रिपब्लिक का बर्थ सर्टिफिकेट, वोटिंग कार्ड, 11 क्रेडिट कार्ड, 7 डेबिट कार्ड, 6 चैक बुक, 2 बैंक पासबुक, 2 QR कोड्स, भारतीय पासपोर्ट एप्लिकेशन, रेंट अग्रीमेंट बरामद हुआ है।

छह दिसंबर को पकड़ाए थे 12 आरोपी

इससे पहले 6 दिसंबर को 12 आरोपियो को पकड़ा था, जिनमें से 5 बांगलादेशी थे। इस मामले में भी संगम विहार में एफआईआर दर्ज की गई थी। इनकी कॉल रिकार्ड्स से 28 दिसंबर को 7 बांगलादेशी को अजर्नगड़ मेट्रो स्टेशन से पकड़े गए और उनको वापिस बांग्लादेश डिपोर्ट किया गया। इसके बाद बिलाल हुसैन को आया नगर रेड लाइट से गिरफ्तार किया गया, इसकी जांच से फर्जी दस्तावेज से बनाए हुए फर्जी आधार कार्ड बरामद किए गए।

मेघालय और असम से भारत में दाखिल होते थे

इस मामले में बिलाल हुसैन को गिरफ्तार किया गया, बिलाल की पत्नी को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया। इनके घर से 4 और आधार कार्ड, डेबिट, क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए। इन दोनों से पूछताछ के बाद दूसरे आरोपी अमीनुर इश्लाम जो असम के ग्वालपाड़ा का रहने वाला है उसको पकड़ा गया, जो बांग्लादेशियों को बार्डर से गाड़ी से ट्रांसपोर्ट करके लाता था, ये बांग्लादेशियों को बाघमारा, मेघायल के डिस्ट्रिक्ट बॉर्डर से असम के कर्षणी और बंगगाऊं असम के रेलवे स्टेशन के जाता था।

पूछताछ में हो सकते हैं खुलासे

अमीनुर इश्लाम को असम के आउट चेकपोस्ट डमरा से गिरफ्तार करके दिल्ली लाया गया है। इनसे पूछताछ के बाद पुलिस को आशीष मेहरा नाम के एक शख्स के बारे में इनपुट मिला जो गुरुग्राम की देवी लाल कालोनी में रहता था, ये अपने कुछ साथियों के साथ बांग्लादेशियों के फर्जी आधार कार्ड और डॉक्युमेंट्स तैयार करवाता था।

बांग्लादेशियों को भारत मे लाने वाला कौन है मास्टरमाइंड?

जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी बांग्लादेश से जंगल के रास्ते दो बार्डर को क्रॉस करते थे। पहले बांग्लादेश में दुर्गापुर और फिर मेघालय में बाघमारा का बॉर्डर पैदल क्रॉस करते थे। अनीश शेख नाम का मास्टरमाइंड बांग्लादेश नागरिक दूसरे लोगों को बांग्लादेश से मदद करके भारत लाता था। अमीनुर ट्रांसपोर्ट में इनकी मदद करता था। अनीश शेख की पत्नी ट्रेन से आ रहे बांग्लादेशियों को दिल्ली में रिसीव करती थी और उनको अलग अलग जगह सेटल करती थी। अनिमुर इश्लाम असम, बाघमारा, मेघायल के बीच प्राइवेट बस सर्विस में कंडक्टर का काम करता था, इसकी मुलाकात मास्टरमाइंड अनीश शेख से बस में मुलाकात हुई। अनीश ने अनिमुर को एक पैसेंजर को बॉर्डर क्रॉस कराने के लिए 1000 रुपए ऑफर किए। इसके बाद अनिमुर अनीश शेख के लिए काम करने लगा। बाद में अनीश सिम कार्ड, बॉर्डर क्रॉस करने के लिए कैश देने लगा।

घुसपैठ के रूट, चार मोड्यूल के जरिए घुसपैठ

मोड्यूल 1
पुलिस के मुताबिक इस सिंडिकेट का पहला मोड्यूल बांग्लादेश के अंदर काम करता था जो बांग्लादेश के दुर्गा पुर से भारत के बाघमारा बॉर्डर के ज़रिए मेघालय में घुसपैठ करवाता था उसके बाद जंगली रस्तों से डंकी रूट से बांग्लादेशियों को घुसपैठ करवाता था– इस मोड्यूल की कमान अनीश शेख संभालता था। उसके बाद बाघमारा में पहुंचने के लिए ये लोग ऑटोरिक्शा, मोटर साइकिल या फिर पैदल चलकर बाघमारा पहुंचते थे

मोड्यूल 2
मेघालय के बाघमारा बॉर्डर से घुसपैठियों को मिनी बस के ज़रिए असम के कृष्णाई तक लाते थे जोकि करीब डेढ़ सौ किलोमीटर का रास्ता होता था– इस मोड्यूल की कमान अमीनुर इस्लाम संभालता था।

मोड्यूल 3
ये मोड्यूल कृष्णाई से ट्रेन के ज़रिए घुसपैठियों को कोलकाता लाते थे या फिर बस के ज़रिए बोंगई गाँव लाया जाता था ये रास्ता करीब 75 किलोमीटर का था– इस मोड्यूल की कमान भी अमीनुर इस्लाम ही संभालता था

मोड्यूल 4
इसके बाद शुरू होता था चौथे मोड्यूल का काम जिसे अनीश की पत्नी सपना संभालती थी- जिसने घुसपैठियों को कोलकाता या बोंगाई गांव से ट्रेन के ज़रिए दिल्ली लाया जाता था- दिल्ली में उसके बाद काम शुरू होता था अनीश शेख का जोकि अवैध रूप से दिल्ली लगाये गए घुसपैठिए के अवैध कागजात बनवाकर उन्हें दिल्ली में बसाने का काम करता था

कैसे बनते थे आधार कार्ड अन्य कागजात

अवैध रूप से दिल्ली में बसाने के लिए इन बांग्लादेशियों के फर्जी आधारकार्ड और कागजात बनवाने का काम होता था आशीष मेहरा और उसके साथी मनमोहन का। फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए jantaprints.site और भारत सेवा नाम की वेबसाइट का इस्तेमाल होता था

आरोपियों से क्या हुई बरामदगी

साउथ जिले से पुलिस ने अभी तक साथ बांग्लादेशी को डिपोर्ट किया है। दिल्ली पुलिस ने 28 दिसंबर को 2 बांग्लादेशी गिरफ्तार किए थे उनसे इस रैकेट के बारे में जानकारी मिली। पकड़े गए आरोपियो की निशानदेही से 6 आधार और 5 पैन कार्ड बरामद किए है। साथ ही इसने बैंक अकाउंट की ट्रांजेक्शन की जांच भी की जा रही है।

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