
भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर यशस्वी जायसवाल की जुझारू पारी को थर्ड अंपायर के एक फैसले ने खत्म कर दिया. बॉक्सिंग डे टेस्ट के आखिरी दिन इस युवा ने एक ऐसी पारी खेली जिसने भारत को मैच में बनाए रखा।
उनको बांग्लादेश के अंपायर शर्फुद्दौला ने फील्ड अंपायर के नॉट आउट देने के बाद स्नीको मीटर को नकारते हुए आउट करार दिया. पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर इस फैसले के बाद पूरी तरह से भड़क उठे. उन्होंने साफ कहा जब टेक्नोलॉजी पर भरोसा नहीं है तो उसका इस्तेमाल ही क्यों कर रहे हैं.
बॉक्सिंग डे टेस्ट के दौरान भारतीय टीम के युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल ने एक ऐसी पारी खेली जिसने हर किसी का दिल जीत लिया. इस मैच में लगातार दूसरी बार वो शतक के करीब पहुंच कर वापस लौटने को मजबूर हुए. पहली पारी में विराट कोहली के साथ ताल मेल की कमी की वजह से रन आउट हुए. दूसरी पारी में थर्ड अंपायर शर्फुद्दौला के विवादित फैसले की वजह से यशस्वी को निराश लौटना पड़ा.
शर्फुद्दौला का विवादित फैसला
यशस्वी जायसवाल की पैट कमिंस की बॉल पर एलेक्स कैरी ने विकेट के पीछे लपका और जोरदार अपील की. गेंद उनके बल्ले के उपर से होती हुई ग्लब्स को छूते हुए विकेटकीपर के पास पहुंची ऐसा ऑस्ट्रेलिया टीम का मानना था. फील्ड अंपायर ने अपील को नकार दिया और नॉट आउट करार दिया. कमिंस ने रिव्यू लिया और बांग्लादेश के अंपायर शर्फुद्दौला ने रिप्ले को बार बार देखने के बाद यशस्वी को आउट करार दिया. कमाल की बात यह कि आवाज पकड़ने वाली मशीन पर कोई हलचल नहीं हुई थी.
शर्फुद्दौला पर भड़के सुनील गावस्कर
यशस्वी जायसवाल को बांग्लादेशी अंपायर शर्फुद्दौला ने तकनीकी तौर पर सबूत ना होने के बाद आउट करार दिया. गावस्कर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, अगर जो आपको टेक्नोलॉजी पर भरोसा नहीं है तो फिर इसका इस्तेमाल ही क्यों करते हो. ये अजब मामला है कि अपनी आंखो पर भरोसा कर रहे हैं लेकिन टेक्नोलॉजी को नकार रहे हैं. यशस्वी जायसवाल नॉट आउट हैं और उनको आउट करार दिया गया. जब फील्ड अंपायर ने नॉट आउट करार दिया है तो थर्ड अंपायर को पास ठोस सबूत होना चाहिए फैसले को बदलने के लिए.