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प्राथमिक भर्ती घोटाला : अभिषेक बनर्जी की कंपनी में बिल्कुल हवाला के स्टाइल में होता था लेनदेन

प्राथमिक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत में अपनी पांचवीं पूरक चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की कंपनी लिप्स एंड बाउंड्स का नाम सामने आया है।

ईडी ने आरोप लगाया है कि इस कंपनी के खातों में बिल्कुल हवाला कारोबार के स्टाइल में लेनदेन होता रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजी अभिषेक की इस कंपनी में भ्रष्टाचार के लिए परीक्षार्थियों से वसूले गए रुपये के लेनदेन के लिए ‘टोकन’ के रूप में इस्तेमाल किए गए कागजी नोटों के जरिए पैसे जमा किए गए।

चार्जशीट के अनुसार, नकद धनराशि कई बार अलग-अलग माध्यमों से हाथ बदली गई। खास बात यह है कि ‘टोकन’ के रूप में कागजी नोट का उपयोग किया गया, जिनके सीरियल नंबर मिलाकर लेनदेन पूरा किया जाता था। यह धनराशि लिप्स एंड बाउंड्स के खातों में जमा होती थी। उदाहरण के तौर पर अगर 10 रूपए का एक नोट लिया जाए तो उसे दो हिस्सों में फाड़ दिया जाता था। एक नोट उसके पास जाता था जो पैसे लेगा और एक नोट उसके पास रहता था जो देगा। लेनदेन के समय दोनों नोटों के सीरियल नंबर को मिलाकर पैसे लिए जाते थे। ठीक यही तरीका हवाला कारोबार में भी इस्तेमाल होता है।

चार्जशीट में ‘मिडलमैन’ और लेनदेन का खुलासा

चार्जशीट के 108वें पन्ने पर ईडी ने उल्लेख किया है कि हर्षवर्धन कोयान नामक व्यक्ति से पूछताछ के दौरान ‘टोकन’ के रूप में कागजी नोटों का इस्तेमाल किए जाने की जानकारी मिली। हर्षवर्धन ‘कोयान सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक हैं। ईडी के अनुसार, मोहित अग्रवाल नामक व्यक्ति ने हर्षवर्धन की कंपनी को लिप्स एंड बाउंड्स से जोड़ा।

मोहित अग्रवाल, जिसे ‘मिडलमैन’ बताया गया है, ने लेनदेन के लिए दो व्यक्तियों – गणेश साव और मुकेश अग्रवाल – को जिम्मेदारी दी थी। ये दोनों कोलकाता के बीबादीबाग (डलहौसी) इलाके से नकदी इकट्ठा करते थे। चार्जशीट में कहा गया है कि नकद लेनदेन के लिए विशेष कागजी नोट का उपयोग होता था। जिनसे पैसे लेना होता, उन्हें नोट के सीरियल नंबर मोबाइल पर भेजे जाते। सीरियल नंबर मिलने के बाद लेनदेन पूरा किया जाता।

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अन्य नाम भी आए सामने

ईडी ने मोहित अग्रवाल से पूछताछ के दौरान पंकज अग्रवाल का नाम भी जाना, जिसने हर्षवर्धन की कंपनी और मोहित के बीच संपर्क कराया। इसके अलावा, सत्येंद्र कुमार झुनझुनवाला और सुजयकृष्ण भद्र (जो ‘कालीघाट के काका’ के नाम से प्रसिद्ध हैं) का भी नाम सामने आया। सुजयकृष्ण 2012 से 2016 तक लिप्स एंड बाउंड्स के निदेशक और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) रहे।

भर्ती घोटाले में लिप्स एंड बाउंड्स की भूमिका

ईडी ने दावा किया है कि लिप्स एंड बाउंड्स की वित्तीय लेनदेन सीधे प्राथमिक भर्ती घोटाले से जुड़े हो सकते हैं। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि सुजयकृष्ण ‘प्राथमिक शिक्षा बोर्ड’ के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य से अक्सर मिलते थे।

2023 में ईडी ने सुजयकृष्ण भद्र को गिरफ्तार किया और उनके कार्यालय व घर पर छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज जब्त किए। ईडी का मानना है कि भर्ती घोटाले की धनराशि लिप्स एंड बाउंड्स के खातों में जमा की गई और उसका उपयोग अन्य संदिग्ध गतिविधियों में किया गया है।

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