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आरजी कर केस को लेकर डॉक्टरों की चेतावनी, किया लंबे प्रदर्शन का ऐलान; अब किस बात पर अड़े

कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए कथित रेप और हत्या के मामले में इंसाफ की मांग को लेकर डॉक्टरों ने लंबे प्रदर्शन का ऐलान किया है। डॉक्टरों के संगठन संयुक्त मंच (ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स, जेपीडी) ने इस सिलसिले में पुलिस से अनुमति मांगी है।

जेपीडी के सदस्य तमनाश चौधरी ने कहा, “हमने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर बताया है कि हम 26 दिसंबर के बाद भी अपना प्रदर्शन जारी रखना चाहते हैं। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा।”

कोर्ट से प्रदर्शन की अनुमति

23 दिसंबर को कलकत्ता हाई कोर्ट ने जेपीडी को डोरीना क्रॉसिंग के पास 26 दिसंबर तक प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी, जबकि पहले पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी थी। अब जेपीडी ने मांग की है कि उन्हें डोरीना क्रॉसिंग के पास अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की इजाजत दी जाए।

सीबीआई की जांच पर सवाल

मंगलवार को डॉक्टरों ने कोलकाता के सॉल्ट लेक स्थित सीबीआई ऑफिस तक एक विरोध मार्च निकाला। यह प्रदर्शन उस समय और तेज हो गया, जब केंद्रीय फॉरेंसिक साइंस लैब की एक रिपोर्ट लीक हुई। रिपोर्ट में कहा गया कि क्राइम स्पॉट यानी सेमिनार रूम में पीड़िता और हमलावर के बीच किसी तरह की झड़प के निशान नहीं मिले। डॉक्टर इस बात से भी नाराज हैं कि सीबीआई 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करने में नाकाम रही, जिसकी वजह से मामले में आरोपी संदीप घोष (कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल) और अभिजीत मंडल (ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व अधिकारी) को कोर्ट से जमानत मिल गई।

सीबीआई निदेशक को पत्र

जेपीडी और ‘अभया मंचा’ नामक नागरिक मंच ने सीबीआई निदेशक को पत्र लिखकर अपनी मांगें रखी हैं। इसमें कहा गया है कि सीबीआई तुरंत सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करे, आरोपी के खिलाफ चार्जशीट फाइल करने के लिए जरूरी अनुमति ली जाए और सबूतों से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

मामले के बाद से खूब मचा हंगामा

गौरतलब है कि 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार रूम में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए इस जघन्य अपराध के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। राज्य के सरकारी अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद करके सुरक्षा की मांग की थी। डॉक्टरों का कहना है कि यह लड़ाई केवल एक इंसान के लिए नहीं, बल्कि सभी डॉक्टरों की सुरक्षा और न्याय के लिए है। अब यह देखना होगा कि उनकी मांगों को लेकर सरकार और सीबीआई क्या कदम उठाती है।

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